Tuesday 4 August, 2020

समकालीन हिन्दी लघुकथा इतिहास के पन्ने-1

 घायल आदमी/सुरेन्द्र मंथन/संपूर्ण संग्रह
 
 
प्रिय भाई डॉ॰ अनिल शूर के सौजन्य से प्राप्त  डॉ॰ सुरेन्द्र मंथन (04-4-1937--25-5-2012)  के प्रथम लघुकथा संग्रह 'घायल आदमी' (1984) की फोटो प्रति। जिन मित्रों को इस संग्रह की पीडीएफ प्रति चाहिए, वे डॉ॰ अनिल शूर से उनके मोबाइल नंबर 98713 57136 पर संपर्क कर वाट्स एप पर प्राप्त कर सकते हैं।





















1 comment:

Shyam Bihari Shyamal said...

मूल्यवान पोस्ट. अनौपचारिक हार्दिक आदरपूर्ण आभार बंधुवर बलराम अग्रवाल साहब !

सुरेंद्र मंथन की लघुकथाएं सर्वथा भिन्न शिल्प की रचनाएं हैं. कभी जब आलोचना गंभीर भूमिका पर उतरेगी और वास्तविक मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ होगा तो उन पर विस्तार से बातचीत करना अपरिहार्य हो जाएगा.

मंथन जी ने यह किताब मुझे भी अपने हस्ताक्षर के साथ भेंट की थी. यह स्मरण होते ही मेरा मन उनके प्रति सम्मान से भर उठा है. अवश्य ही मैंने यथासमय इस पर समीक्षा भी लिखी होगी, लेकिन फिलहाल इसका मुझे सटीक स्मरण नहीं. किसी साथी के पास यह उपलब्ध हो तो सूचना की प्रतीक्षा रहेगी.