tag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post1231774060842805762..comments2024-01-13T02:57:09.093-08:00Comments on जनगाथा: ‘सरस्वती सुमन’ व ‘सादर इंडिया’ के लघुकथा विशेषांक, लघुकथा संग्रह ‘परिवर्तन’ तथा संकलन ‘विगत दशक की पंजाबी लघुकथाएँ’बलराम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-59639491608103822982011-12-14T07:09:02.505-08:002011-12-14T07:09:02.505-08:00प्रिय रत्नेश जी
आपकी यह टिप्पणी भी पिछली टिप्पणी क...प्रिय रत्नेश जी<br />आपकी यह टिप्पणी भी पिछली टिप्पणी की प्रति ही है। 'जनगाथा' के इस अंक में टिप्पणी के लिए जिस सामग्री की ओर मैंने संकेत किया था, आप उसे अभी भी नहीं समझ पाए। बहरहाल, यह बताने के लिए धन्यवाद कि 'हिंदी में कम ही ऐसी पत्रिका मिलेंगी जहाँ प्रूफ की गलतियाँ ना हों।' मैं इस सत्य से अब तक अपरिचित ही था।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-56184705381338762912011-12-14T01:02:48.307-08:002011-12-14T01:02:48.307-08:00भाई बलराम अग्रवाल जी,
'सरस्वती सुमन' पत्...भाई बलराम अग्रवाल जी,<br /><br /> 'सरस्वती सुमन' पत्रिका से मैं रू-ब-रू हुआ था, अत: उस पर प्रतिक्रिया दी. जिस पत्रिका या पुस्तक को मैंने नहीं पढ़ा, मात्र किसी एक पोस्ट के आधार पर भला क्या टिप्पणी दे सकता हूँ. फ़िलहाल, सादर इण्डिया का 'लघु कथा' विशेषांक भी मेरे पास आ गया है. काफी श्रम किया है संपादक शील मधुर जी ने, पर फिर भी कई जगह प्रूफ की गलतियाँ हैं. मैं तो पेशे से ही अध्ययन-अध्यापन से जुड़ा हूँ और हिंदी में कम ही ऐसी पत्रिका मिलेगी जहाँ प्रूफ की गलतियाँ ना हों.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-3222029568908256362011-10-30T01:16:33.435-07:002011-10-30T01:16:33.435-07:00विशेषांकों व संकलनों पर टिप्पणियों के साथ लघुकथाए...विशेषांकों व संकलनों पर टिप्पणियों के साथ लघुकथाएं अच्छी हैं. श्याम सुन्दर अग्रवाल, डॉ.राम प्रकाश व डॉ. नडाला जी की लघुकथाएं प्रभावित करती हैं.उमेश महादोषीhttps://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-68268574029851091522011-10-27T08:42:01.509-07:002011-10-27T08:42:01.509-07:00chayana achchhaa haichayana achchhaa haiप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-84241847651665827752011-10-21T10:44:20.802-07:002011-10-21T10:44:20.802-07:00प्रिय भाई रत्नेश कुमार मौर्य,
टिप्पणी के लिए धन्यव...प्रिय भाई रत्नेश कुमार मौर्य,<br />टिप्पणी के लिए धन्यवाद। जनगाथा में 'सरस्वती सुमन' के अलावा भी सामग्री है। उस पर भी टिप्पणी करते तो अच्छा लगता। प्रश्नचिह्न 'सरस्वती सुमन' की सामग्री पर नहीं, अंत तक पसरी प्रूफ की गलतियों पर है, ध्यान से पढ़ें।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-7630252222843284352011-10-20T23:44:42.662-07:002011-10-20T23:44:42.662-07:00'सरस्वती सुमन' का 'लघु-कथा' अंक मे...'सरस्वती सुमन' का 'लघु-कथा' अंक मेरी निगाहों से गुजरा है, वाकई यह महाविशेषांक ही है. पर मात्र सम्पादकीय प्रूफ में किसी गलती के आधार पर पत्रिका में समाहित सामग्री पर प्रश्न-चिन्ह लगाने का औचित्य गले के नीचे नहीं उतरता.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09269049661721803881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-91914013087669771202011-10-19T09:50:26.963-07:002011-10-19T09:50:26.963-07:00इला जी ने मेल द्वारा यह संदेश भेजा है--
ILA PRASAD...इला जी ने मेल द्वारा यह संदेश भेजा है--<br />ILA PRASAD to me <br />show details 4:51 PM (5 hours ago) <br />बलराम जी, यह अंक तो पढ़ गई| इतनी सारी अच्छी-अच्छी लघुकथाएं थी|<br />क्या कोई अंक, साईट ऐसा है जो यह बताता है कि लघुकथा के आवश्यक तत्व क्या हैं और मापदंड क्या है? हो तो मुझे भेजें|<br />मुझे लघुकथा का व्याकरण जानना है |<br />सादर<br />इलाबलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-24344530625498872422011-10-19T03:13:18.719-07:002011-10-19T03:13:18.719-07:00बलराम,
तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो. इतनी सामग्री...बलराम,<br /><br />तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो. इतनी सामग्री --विभिन्न पुस्तकों-पत्रिकाओं से---बधाई. काम ही बोलता है, पुरस्कार नहीं.<br /><br />सप्रेम,<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-90979674245057593362011-10-18T12:28:14.040-07:002011-10-18T12:28:14.040-07:00Balram ji , dher saaree samagree
jutaa kar hum sab...Balram ji , dher saaree samagree<br />jutaa kar hum sab par aap sadaa upkaar karte hain . Aapke dwaraa <br />laghu katha se sambandhit har tarah kee jankaree mil jaatee hai. <br /> Aapkaa hardik sadhuwad .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-7541518680596102782011-10-18T10:24:33.447-07:002011-10-18T10:24:33.447-07:00भाई रामेश्वर काम्बोज हिमांशु ने निम्न मेल भेजा है:...भाई रामेश्वर काम्बोज हिमांशु ने निम्न मेल भेजा है:<br />HIMANSHU to me <br />10:45 PM (5 minutes ago) <br />बहुत सुन्दर प्रस्तुति, सभी का लेखा जोखा ! हार्दिक बधाई ।<br />काम्बोजबलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-89060400258629764992011-10-17T10:59:47.435-07:002011-10-17T10:59:47.435-07:00चलिए कम से कम आप तो अपने काम को ईमानदारी से अंजाम ...चलिए कम से कम आप तो अपने काम को ईमानदारी से अंजाम दे रहे हैं। यह अच्छी बात है। इन संग्रहों पर आपकी खरी खरी पढ़कर अच्छा लगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com