tag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post14497376194131303..comments2024-01-13T02:57:09.093-08:00Comments on जनगाथा: सुधा भार्गव की लघुकथाएँबलराम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-82657924507350335972010-08-03T18:02:34.571-07:002010-08-03T18:02:34.571-07:00niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-64298685009159978622010-04-03T06:01:29.343-07:002010-04-03T06:01:29.343-07:00सशक्त लघुकथाएं...बधाई.
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शब्द सृ...सशक्त लघुकथाएं...बधाई. <br /><br />_________________<br />शब्द सृजन की ओर पर आतंकवाद की चर्चा.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-56149045440639306942010-04-02T21:20:35.974-07:002010-04-02T21:20:35.974-07:00बहुत गम्भीर लघु कथाएँ हैं। ये वे विषय हैं जिन पर स...बहुत गम्भीर लघु कथाएँ हैं। ये वे विषय हैं जिन पर सामान्यत: लिखना भी मुश्किल होता है। पर यही पैनी लेखकीय दृष्टि को भी व्यक्त करता है। सुधा जी को बधाई और आपका आभार ....प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-41957686211135273082010-04-02T18:30:19.172-07:002010-04-02T18:30:19.172-07:00अरे वाह इतनी सुन्दर लघु कथाएँ!
सुधा भार्गव जी को ब...अरे वाह इतनी सुन्दर लघु कथाएँ!<br />सुधा भार्गव जी को बधाई!<br />इन्हें पढ़वाने के लिए आपका आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-29508847678368411812010-04-02T18:10:48.019-07:002010-04-02T18:10:48.019-07:00बहुत ही दिल को छूती लघु कथायें..आनन्द आ गया!!बहुत ही दिल को छूती लघु कथायें..आनन्द आ गया!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3469604607014018885.post-4465651439444592812010-04-02T17:26:05.045-07:002010-04-02T17:26:05.045-07:00पहनूंगी इन्हें एक मार्मिक और वास्तविक लघुकथा है. अ...पहनूंगी इन्हें एक मार्मिक और वास्तविक लघुकथा है. अन्य दोनों भी महत्वपूर्ण हैं. <br /><br />टेम्प्लेट के कारण या अन्य किसी कारण से पंक्तियां कटी-फटी रहीं और पढ़ने में कठिनाई हुई. इस टेम्प्लेट में आकर्षण भी नहीं. इसे यदि बदल पाओ---लेकिन यह केवल विनम्र सुझाव ही है.<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.com